केंद्र की मोदी सरकार ने 11 मार्च शाम 7 :46 बजे नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बहुत बड़ा कदम है. इस कानून के तहत अब तीन पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश ) के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा बनाये किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा. उधर, केंद्र द्वारा यह अधिसूचना जारी किए जाने के बाद राजधानी दिल्ली, उत्तर समेत कई राज्यों में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है|
दरअसल, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने CAA को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. इसे पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया था. गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही के अपने चुनावी भाषणों में कई बार CAA (नागरिकता संशोधन कानून) को लागू करने की बात कर चुके थे. उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले CAA (नागरिकता संशोधन कानून) को लागू कर दिया जाएगा. अब कानून बनने के लगभग 5 साल बाब केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करके इसे लागू कर दिया गया है.
असम, मेघालय और त्रिपुरा की स्वायत्त परिषदें भी दायरे से हैं बाहर
अफसरों ने नियमों के हवाले से बताया कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदें बनाई गई हैं, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है. असम, मेघालय और त्रिपुरा में ऐसी स्वायत्त परिषदें हैं.
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत किन्हें मिलेगी भारत की नागरिकता?
सीएए के जरिए मुस्लिम बहुल पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों जैसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगो को नागरिकता दी जाएगी. 2019 में संसद में पारित होने के बाद इस कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी. हालांकि, इसके बाद देश में तब CAA के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए थे. CAA अब तक इसलिए भी लागू नहीं हो पाया था क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अब तक नोटिफाई नहीं किया गया था.